दिनांक 14 मार्च को माँ राज राजेश्वरी ट्रस्ट की बैठक मंदिर प्रांगण में सम्पन्न हुई। बैठक में सर्व प्रथम स्व. श्री धूम सिंह जखेड़ी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) जिनका आकस्मिक स्वर्गवास हो गया था, उनकी स्मृति में 2 मिनट का मौन रखा गया। तत्पश्चात ट्रस्ट के महासचिव ने ट्रस्ट द्वारा किये गए निम्नलिखित कार्यों का व्योरा प्रस्तुत किया गया:-
1) हमारे ही किसी बंधु ने गुप्तदान (₹2 लाख 50 हज़ार) देकर गेट का निर्माण करवाया । जिसके ऊपर पिछली शारदीय नवरात्रि में अष्टधातु की मूर्ति की स्थापना की गई।
2) मंदिर में रंगाई पुताई का कार्य किया गया।
3) सोलर पैनल लगवाए गए जिससे कि पूरे मंदिर प्रांगण में रोशनी का प्रवन्ध किया गया।
4) लॉक डाउन में नवरात्रि (मार्च 2020) के दौरान भक्तों की कम संख्या के कारण चढ़ावा बहुत कम हुआ। अतः ट्रस्ट द्वारा रावलों को दक्षिणा तथा रसोइया को पारिश्रमिक दिया गया।
5) मंदिर के गर्भगृह में श्री विजय नौटियाल द्वारा फाइवर शीट लगवाई गई। तथा एक अलमारी (माता के वस्त्रों, वर्तनों के लिये) भी श्री विजय नौटियाल द्वारा दान की गई।
6) 20 गद्दे 2 वक्से श्री भगवती प्रसाद रतूड़ी (गडारा) तथा 7 रजाइयां 2 वक्से श्री विजय नौटियाल द्वारा मंदिर में भेंट की गई।
7) पानी की पाइप तथा चैम्बर का निर्माण शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
8) विजली का मीटर शीघ्र ही लगवाया जाएगा।
9) कर्ण गांव -माँ राज राजेश्वरी मोटर मार्ग की फाइल फाइनल पड़ाव पर है तथा 1-2 महीनों में कार्य शुरू किया जा सकता है।
मीटिंग में निम्नलिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए:-
1) बहुत से भक्तों तथा कोर कमेटी सदस्यों द्वारा शिकायत की गई कि मंदिर में कार्य करने वाले सेवक का कार्य संतोषजनक नहीं है। इस संवंध में सेवक को यह चेतावनी दी जाती है कि वह मंदिर में साफ सफाई , पौधों की देखभाल, वृक्षारोपण आदि कार्यों को निष्ठापूर्वक करें। और ग्रीष्मकाल में प्रातः 10 वजे से सायं 4-30 वजे तक और सर्दियों में 10 वजे से सायं 3-30 वजे तक अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करे।
2) मंदिर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं होगा और गर्भगृह में फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी वर्जित रहेगी जिससे मंदिर की दिव्यता एवं गोपनीयता क्षीण न हो सके।
3) दोनों रावलों की नवरात्रियों में पूरे 9 दिन तक उपस्थिति अनिवार्य रहेंगी। नवरात्रियों में कोई भी रावल अन्य कोई यजमानी कार्य न करे। जिससे भक्तों को असुविधा न हो। हम दोनों रावलों से निवेदन करते हैं कि वे नवरात्रियों में अपनी उपस्थिति पूरे 9 दिन सुनिश्चित करें।
4) नवरात्रियों में रावलों के अलावा अन्य किसी पंडित की आवश्यकता नही होगी। ट्रस्ट की ओर से या चढ़ावे से उनको दक्षिणा नहीं दी जाएगी। यदि कोई यजमान अपनी तरफ से पाठ पूजा के लिए पण्डित से संकल्प करवाता है तो वही यजमान उस पंडित की दक्षिणा देगा । ट्रस्ट की इसमें कोई आपत्ति नही होगी।
5) रावलों को नवरात्रियों में ₹5100/- दक्षिणा और ढोलवाले (गढ़वे) को ₹ 2100/- पारिश्रमिक चढ़ावे से दिया जाएगा। क्योंकि ट्रस्ट के पास अभी धन की कमी है तथा चढ़ावा भी प्रयाप्त नहीं है। निकट भविष्य में धन की उपलब्धता के पश्चात रावलों की दक्षिणा बढ़ाई जाएगी। क्योंकि शेष चढ़ावे पर नौटियाल परिवार का हक है अतः नौटियाल परिवार से स्वीकृति के पश्चात शेष चढ़ावे को नवरात्रियों में खानपान, फलाहार इत्यादि पर खर्च किया जाएगा।
6) मुख्यद्वार के पास खंडहर पड़े धर्मशालाओं के लिये उनके दाताओं से निवेदन करेंगे कि या तो वे इन धर्मशालाओं का पुनर्निर्माण करें अन्यथा ट्रस्ट इनको तोड़कर अन्य जगह इनका निर्माण करेगा।
7) धर्मशालाएं या अन्य निर्माण अब रसोईघर की तरफ ही बनवाएं जायेंगें।
8) धर्मशालाओं का निर्माण मोटर रोड़ के बाद आरम्भ किया जाएगा। इस संबंध में एक धर्मशाला निर्माण हेतु श्री संदीप गुप्ता (निवासी भोगल नई दिल्ली) द्वारा पहले ही संकल्प (₹51000/- देकर) किया जा चुका है।
9) श्रीफल माता की शक्ति के पास स्पर्श करके भक्तों को वापस किया जाएगा। अब श्रीफलों का भंडारण मंदिर में नहीं होगा। यह प्रक्रिया अब आगामी नवरात्रि से प्रारम्भ होगी।
10) माता के टूटे फूटे छत्र जो कई वर्षों से पड़े हैं उनको बदलकर/गला कर माता की शक्ति के पास एक तिकोना स्टैंड,(जिसमे नवरात्रियों के दौरान मूर्ति स्थापित की जा सके), बनवाने का प्रस्ताव है।
11) यदि कोई भक्त मंदिर के जीर्णोद्धार/निर्माण हेतु अपने जन्मदिन, विवाह वर्षगाँठ, गृहप्रवेश, पूर्वजों की श्राद्ध/स्मृति में माँ राज राजेश्वरी का आशीर्वाद लेने हेतु दान करना चाहते हैं तो ट्रस्ट के एकाउंट में दानराशि श्रद्धानुसार जमा कर सकते हैं।
12) 20 जून2021 (गंगा दशहरा) को सामुहिक जात (बासर, केमर, आरगढ, गोनगढ़, भिलंग पट्टियों द्वारा) होगी। यह निर्णय पिछली मीटिंग (7 मार्च 2020) में ले लिया गया था। इसके लिए अलग से व्यवस्था समितियों का गठन किया जाएगा। इसमे करीब 1000/1500 लोगों के भंडारे/लंगर की व्यवस्था होगी।इस सम्वन्ध में कोई भक्त, लंगर, फलाहार, वर्तन, हलवाई, इत्यादि हेतु दान करना चाहते हैं तो ट्रस्ट से सम्पर्क करें। जात की व्यवस्था हेतु रणनीति मई 30, 2021 को होने वाली मीटिंग में तैयार की जाएगी।
धन्यवाद।
माँ राज राजेश्वरी मंदिर ट्रस्ट।