वर्ष में दो बार नवरात्रों का आयोजन तथा मंदिर में विशेष पूजा तथा माता का श्रृंगार किया जाता है। इसके अलावा व्यक्ति गत जात एवं सामुहिक जात में भी पूजा तथा श्रृंगार किया जाता है। नवरात्रों तथा जात के दौरान माता की मूर्तियां का प्रस्थान मांदरा गांव से चुलागढ़ के लिये चांदी के ढोल दमाऊं के साथ किया जाता है। तथा वापसी भी ढोल दमाऊं के साथ ही कि जाती है। ढोल दमांऊ बजाने का कार्य छतियारा के गड़वे (माता के दास) द्वारा किया जाता है। मंदिर में सेवा का कार्य गडारा तथा केपार्स के चौहानों द्वारा किया जाता है।
नवरात्रि (चैत्र मास) -----25 मार्च से 3 अप्रैल 2020
नवरात्रि (शारदीय)----अक्टूबर 17 से 26, 2020